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Monday, October 22, 2012

साक्षात्कार (चर्चा - नरेंद्र मोदी जी से > राहुल कंवल)


साक्षात्कार (चर्चा - 
नरेंद्र मोदी जी से > राहुल कंवल)
(यह चर्चा यहाँ क्यों ? समाज की नव रचना का कार्य है, अत: "रचनाकार कामें बनता है |)
राहुल कंवल – आपके आलोचक ये कहते हैं, कि जब सुप्रीम कोर्ट ने आपको निर्दोष पाते हुए आपके पक्ष में फैसला किया, तो आपने एक ट्विट किया था, कि ‘’ ईश्वर महान है ‘’ और बीजपी ने ये कहा कि अब नरेंद्र मोदी सारे आरोपों से बरी हो गए |
नरेंद्र मोदी – अच्छा मुझे ये बताइए, कि अब किसी कोर्ट में या पुलिस थाने में मोदी पर क्या आरोप बचा है, जरा प्लीज़ बताइए |
राहुल कंवल – नहीं, फिलहाल कोई आरोप नहीं है |
नरेंद्र मोदी – फिर भाई, कैसे और क्यों चिल्लाते रहते हो, आप मीडिया वाले | जब आप खुद मान रहे हो कि नहीं है | तो आप देश को भी तो बताओ ना, कि नहीं है |
राहुल कंवल – बात आपकी सही है, लेकिन ..............

नरेंद्र मोदी – अरे !! नहीं है, ये भी तो बताओ ना, भाई | 
राहुल कंवल – हम ये भी बताते हैं, लेकिन ...............
नरेंद्र मोदी – नहीं बताते हो, मेहरबान | आप लोग सच नहीं बताते हो, देश को.. |
राहुल कंवल – हम ये मानते हैं मोदी जी, कि फ़िलहाल आप पर कोई आरोप नहीं है | लेकिन अभी आप पूरी तरह से बरी भी नहीं हुए हैं | क्योंकि अब मामला सुप्रीम कोर्ट कि जगह निचली अदालत में चला जाएगा |
नरेंद्र मोदी – अरे भाई !! कमाल है, यह तो एक सामान्य कानूनी प्रक्रिया है | अगर आप किसी कानून के जानकार से पूछो, तो वो आपको बताएगा | आप जरा खुद सोचो भई, कि जब कहीं पर एक भी जगह पर, मोदी के खिलाफ अब कोई शिकायत बची नहीं है; तो आप लोग किस चीज की चर्चा चलाते रहते हो मेरे खिलाफ | वो तो मैं चुपचाप सह रहा हूँ, क्योंकि आप लोगों ने इसको एक राजनीतिक रंग दिया हुआ है | मुझे बदनाम करने के लिए, इसीलिए आप चलाते रहिये | मेरी शुभकामनाएं हैं..
राहुल कंवल – लेकिन, कुछ लोगों के दिमाग में अभी भी ये सवाल आता है, कि अगर दौबारा 2002 दंगों जैसी कोई स्तिथि बनी, तो तब नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया कैसी होगी ? क्या, आप इस बात कि गारंटी लेते हैं ? कि दौबारा ऐसा कुछ कभी नहीं होगा ??
नरेंद्र मोदी – मुझे एक बात बताओ, आप देश की सेवा करना चाहते हैं ?
राहुल कंवल – बिलकुल
नरेंद्र मोदी – ईमानदारी से, मेहनत करना चाहते हैं ?
राहुल कंवल – जी बिलकुल
नरेंद्र मोदी – तो एक काम करोगे ??
( राहुल कंवल ने जवाब नहीं दिया इसका, और चुप हो गया )......
नरेंद्र मोदी – करोगे ?? मैं आपसे ही पूँछ रहा हूँ ?
राहुल कंवल – जी बोलिए, बिलकुल करेंगे |
नरेंद्र मोदी – आप एक काम कीजिये, देश के 5 बड़े दंगो की स्टडी कीजिए | 1984 के दिल्ली में हुए दंगे, बिहार के भागलपुर में हुए दंगे, 1969 में गुजरात के दंगे, 1992 के मुंबई के दंगे और 2002 में गुजरात के दंगे | इन सब दंगों की डिटेल रिपोर्ट उपलब्ध है | जरा Analysis कीजिये, इन पाँचों दंगो की, आपको जो पैरामीटर ठीक लगें उस हिसाब से तुलना कीजिये | जांच कीजिये, और अगर आपकी खुद की रिसर्च में आपको लगे, कि इन पाँचों में दंगे रोकने का सबसे अच्छा काम मेरे शासन में हुआ, तो क्या, आप देश को ये बताओगे ? जरा इतना काम करिये और उसके बाद कोई सवाल मन में उठे, तो मेरे पास आना, पूछने के लिए और ये ही जवाब है  ? आपके इस दोगले सवाल का, कि दौबारा ऐसा होगा, तो मोदी क्या करेगा |
राहुल कंवल – लेकिन, ये सवाल महत्वपूर्ण है, मोदी जी
नरेंद्र मोदी – महत्वपूर्ण तो, आपके लिए हर चीज है | वरना, आप दिल्ली से यहाँ क्यों आते, मेरे पास ऐसे सवाल पूछने के लिए ? आखिर, आपकी रोजी-रोटी इसी पर चलती है, भैया | और इसी कारण मैं आपके सवाल के जवाब दे रहा हूँ और उसे फ़ालतू सवाल ना मानकर respect ही दे रहा हूँ | और ये नहीं मान रहा, कि आप मेरा समय खराब कर रहे हो | आप तो भई, sincerely ही काम कर रहे हो | लेकिन, मैं क्या कहता हूँ, कि आपने जो ये मुझसे सवाल पूछा, तो आप क्या, बस इतना सा काम करोगे ? क्या, कि इन पांच बड़े दंगो कि स्टडी, जिनमें से चार कोंग्रेस के शासन में हुए हैं और एक मेरी बीजपी के शासन में हुआ | सिर्फ इन पांच दंगो कि रिसर्च करके, इन पाँचों कि तुलना करते हुए, इनको देश के सामने रखने की हिम्मत करोगे, क्या ? आपके सारे सवालों के जवाब, आपको मिल जायेंगे | लेकिन, ये मेहनत किसी को करनी नहीं है | सत्य खोजना नहीं है | बस एक जो हवा चल पड़ती है, उसी को लेकर चल पड़ते हैं | कभी पीएम पद की हवा चली, तो उसको लेकर चल पड़े | कभी करप्शन की चल पड़ी, तो उसको लेकर चल पड़े | कभी दंगो की चल पड़ी, तो उसको लेकर चल पड़े |
राहुल कंवल – मोदी जी, हम मानते हैं, कि आपने हर बार ये कहा है, कि कानून सबके लिए बराबर है और जो भी गुनहगार है, उसको सजा मिले | लेकिन क्या, आप दंगों के गुनहगारों को सजा देंगे ? मुख्यमंत्री के रूप में |
नरेंद्र मोदी – मुख्यमंत्री सजा नहीं देता है, सजा देने का काम न्यायपालिका करती है ? लेकिन, मैं आपको यही तो कह रहा हूँ कि आप स्टडी करो  | मेहरबानी करके बस इतना करो, भाई | उम्र आपकी छोटी है | थोड़ी मेहनत करो | इन चार दंगो में क्या हुआ और मेरे यहाँ क्या हुआ ? जब इन पाँचों दंगो पे रिसर्च करोगे ना, तो खुद मानोगे कि गुजरात की मेरी सरकार ने तो इतना अच्छा काम किया, दंगे रोकने के लिए  | बाकी की चार कोंग्रेस की सरकारें, उस समय क्या कर रही थी, ये स्तिथि बनेगी |
राहुल कंवल – इंटरव्यू खत्म करने से पहले, आपसे ये जानना चाहते हैं, कि आजकल RSS ज्यादा आपके साथ दिखाई नहीं दे रही | संघ-प्रमुख या उनके बाकी लीडर, तो नहीं दिखाई दिए, आपके साथ |
नरेंद्र मोदी – कहाँ पे चाहिए, आपको ?
राहुल कंवल – आपके, इस शिविर में |
नरेंद्र मोदी – कौन सा शिविर ?? ये तो, जनता-जनार्दन का समारोह है |
राहुल कंवल – लेकिन, बीजपी के तो सारे नेता आये |
नरेंद्र मोदी – पहली बात है, अगर यही आपका मापदंड है, तब मैं आपको बता देता हूँ, कि सुबह संघ के प्रान्त-संचालक मेरे साथ में थे | संघ के सभी प्रांत-प्रचारक भी मेरे साथ में थे | लेकिन, अगर मीडिया को वे पहचान में नहीं आते हैं, तो इसमें मैं क्या करूँ ? अभी शाम को सुरेश जी सोनी, मेरे साथ काफी देर तक रहे, सभी मेरे साथ थे |
राहुल कंवल – आपकी देश में बढती हुई चमक देखकर तो, अब ये पक्का लगता है, कि आपने, अब पूरा मन बना लिया है, देश का अगला प्रधानमंत्री बनने का |
नरेंद्र मोदी – देखिये, मेरे जीवन को आप कितना जानते हैं, मुझे मालुम नहीं, लेकिन ........
राहुल कंवल – बहुत Closely follow किया है, आपके जीवन को
नरेंद्र मोदी – नहीं, मेरे जीवन को Closely follow करने भर से, आप मुझे जान गए हैं, ऐसा नहीं है | क्योंकि आप लोग, बस मेरे बारे में जो खबरें बनाते रहते हैं, ना उसी का विश्लेषण भर करते हो लेकिन एक इंसान को जानने के लिए कुछ और चाहिए | खैर, मैं कह रहा था कि
मैंने बहुत छोटी आयु में ही घर छोड़ दिया था और फिर समाज-सेवा में लग गया था | राजनीती से मेरा दूर-२ तक कोई लेना-देना नहीं था | मैंने कभी जिंदगी में चुनाव नहीं लड़ा था | मेरी जिंदगी अलग किस्म की रही है | अचानक कुछ विशिष्ट परिस्तियों में, मुझ पर ये मुख्यमंत्री का दायित्व आ गया | तो इसको मैं अच्छे से निभाने की कोशिश कर रहा हूँ | मैं आज जहाँ पर हूँ ना, यहाँ पर भी कभी सोचकर नहीं पहुंचा | इस प्रकार का सोचना, मेरी फितरत में ही नहीं है | हाँ, लेकिन मेरी शुरू से एक Philosphy रही है, जिस पर कि मेरा आज भी अटूट विश्वास है | और आम तौर पर जब कभी मुझे नौजवानों से मिलने का मौका लगता है, तो मैं उन सबको भी वही बताता हूँ वो ये है कि "जीवन में कभी भी कुछ बनने के सपने कभी मत देखो, सपने देखने हैं तो कुछ करने के सपने देखो", करने से ही संतोष मिलता है जी | क्योंकि, बनने के सपने देखने में परेशानी ये रहती है | कि जैसे आज आप एक रिपोर्टर हैं और आप चीफ रिपोर्टर बनना चाहते हो लेकिन क्योंकि आप बन नहीं पा रहे हो, तो रिपोर्टर बनने में भी आनंद नहीं ले पा रहे हो और इसी चीज को रोने-बैठने में आपका समय बर्बाद हो रहा है | तो मैं नौजवानों को भी यही कहता हूँ और खुद भी इसी में यकीन रखता हूँ | इसीलिए मेरे जीवन में कुछ बनने का सपना, कभी नहीं रहा और आज भी नहीं है | लेकिन हाँ, देश के लिए कुछ करने के सपने बहुत हैं | मुझे गुजरात की जिम्मेदारी मिली है, और उसको मैं अच्छे से निभाने की कोशिश कर रहा हूँ |
(यह चर्चा यहाँ क्यों ? समाज की नव रचना का कार्य है, अत: "रचनाकार कामें बनता है |)
,"कला वही जो मन को छू ले, विकृत हो तो विकार तुम्हारा | "-तिलक

Wednesday, May 16, 2012

17, मई 2012 आज 17 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन 
माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने बच्चों के हर दुःख सुख की साथी, जिसकी गोद हर पीड़ा का हरण करती है। बचपन ही नहीं वृद्धावस्था व् जीवन के अंत तक हर पल जब भी तुझे स्मरण करता हूँ भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तेरी याद बहुत आती है, ....माँ, तेरी याद बहुत आती है।
माँ, इन 2 वर्षों में दामाद और बहु भी हो गए हैं शीघ्र ही अगली पीडी भी हो जाएगी। दामाद- सिद्धार्थ है, तथा बहू शालिमा है। तिलक- संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 9911111611, 9654675533.,"कला वही जो मन को छू ले,विकृत हो तो विकार तुम्हारा!"-तिलक