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आरंभ से ही रचनाकारिता मानव सभ्यता के विकास का मंत्र रही है.आज विध्वंस के आतंक के बीच फिर से रचनाकार को ढूँढता और उन्हें प्रोत्साहन हेतु है यह मंच. कृति,विकृति,आकृति,अनुकृति,मंचन,गायन,संगीत,चित्रकला,इन सब में "कला वही जो मन को छू ले,विकृत हो तो विकार तुम्हारा!".(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें 9911111611, 9654675533.

YDMS चर्चा समूह

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Saturday, January 5, 2013

स्वामी विवेकानन्द महान।

स्वामी विवेकानन्द महान।
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पैदा हुए थे जिस धरती पर, स्वामी विवेकानन्द महान।जिसका यश गाता रहा ये जहान, है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान।
ये मेरा प्यारा देश महान, जन्मे स्वामी विवेकानन्द महान।
*देवी देवता, ऋषि मुनि, व महापुरुषों की कर्मस्थली यह।
ज्ञान विज्ञान, विश्व बंधुत्व, प्रेम शौर्य, मानवीय धर्मक्षेत्र है।
मानव ही नहीं जीव जंतु, व पर्यावरण समन्वय का दे ज्ञान।
इसीलिए था विश्वगुरु, तब इस पर क्यों न करें अभिमान ? 
*ग्रहण लगा था विश्वगुरु को, और मानवता जब थी बन्दी। 
आतताइयों के कृत्यों से जब यह धरा हुई सारी थी गन्दी।
1863 में भारत में जन्मे, राज था अंधकार का व फैला अज्ञान
जब ज्ञान खोजता विश्व था, शिकागो में तब कराई पहचान।
*जब राजा ही करे व्याभिचार, तो जनता हो जाती लाचार।
पहला बन्दर सोता रहता है, देश का दर्द न दूजा सुनता है।
मौनी बाबा सत्य  कहता, आश्वासन के पाखंड दिखाता है। 
तभी हैं ऐसे दुरदिन ये आये, कि सारा देश हुआ परेशान। 
*आओ फिरसे बनाये देश महान, जिसका यश गाये सारा जहान।
हम सोने की चिड़िया ऐसी बनायें, जहाँ कोई न हो परेशान। 
आने वाला कल चमकाने में, हम आज कर जायेंगे बलिदान। 
मेरा भारत, सदा रहा है महानये मेरा प्यारा देश महान,...
जिसका यश गाता रहा ये जहान, है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान।
पैदा हुए थे जिस धरती पर, स्वामी विवेकानन्द महान।
है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान,  ये मेरा प्यारा देश महान,...
है मेरा प्यारा हिन्दोस्तान,  ये मेरा प्यारा देश महान,...
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है | इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"  युगदर्पण
 ,"कला वही जो मन को छू ले, विकृत हो तो विकार तुम्हारा | "-तिलक

Friday, January 4, 2013

YDMS मीडिया समूह के दो नए ब्लाग

YDMS मीडिया समूह के दो नए ब्लाग YDMS added two new blogs via Email: 
Swami VivekanandaBharatVarshasya@gmail.com, as :-
http://bharatvarshasyaitihas.blogspot.in/
http://bharatasyasharmnirpekshvyavastha.blogspot.in/
भारतवर्षस्य इतिहास दर्पण:- केवल जयचंदो के अपवाद को छोड़कर भारतवर्ष का इतिहास सदा गौरवमय रहा है। जीवन के हर क्षेत्र के अग्रणी जब भी हारे मक्कारी या गद्दारी से हारे। तथा शर्मनिरपेक्षों ने भी उस पर अपना रंग चदाया है। 
भारतस्य शर्मनिरपेक्ष व्यवस्था दर्पण:- सामान्यत: कृत्य के प्रति पछतावा न हो, इसे बेशर्मी कहते हैं। बेशर्मी की सीमा बड़ कर राष्ट्रद्रोह तक आ जाये व यह धर्मनिरपेक्षता के नाम से किया जाये, वह शर्मनिरपेक्षता कहाता है। वर्तमान सरकार, सारा तंत्र व मीडिया इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। इस शर्मनिरपेक्षता का दर्पण व इसका एक ही उपाय है, राष्ट्रवाद का जागरण। संपर्क सूत्र : BharatVarshasya@gmail.com, 9911111611.

Baratwarshasya History Mirror: - With the exception of only Jay Chands, Glorious history of India is eternally proud. While also leading in Every area of life, whenever the losers, lost to deceive or betray. And Sharmnirpekshta also added its color on it. repentlessness
Baratasya Sharmnirpeksh System Mirror- Do not regret to an act of wrongs, usually called a shameless. If you come by expanding the range of shamelessness to treason and it should be in the name of secularism, it is Named Sharmnirpekshta. Corrupt Combined trio-The current government, the whole system and the media are also visible Examples of it. The only wayout is this Sharmnirpekshta mirror and the awakening of nationalism. Contact: BharatVarshasya@gmail.com, 9911111611.
,"कला वही जो मन को छू ले, विकृत हो तो विकार तुम्हारा | "-तिलक