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आरंभ से ही रचनाकारिता मानव सभ्यता के विकास का मंत्र रही है.आज विध्वंस के आतंक के बीच फिर से रचनाकार को ढूँढता और उन्हें प्रोत्साहन हेतु है यह मंच. कृति,विकृति,आकृति,अनुकृति,मंचन,गायन,संगीत,चित्रकला,इन सब में "कला वही जो मन को छू ले,विकृत हो तो विकार तुम्हारा!".(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/ अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें 9911111611, 9654675533.

YDMS चर्चा समूह

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Saturday, May 31, 2014

इस समूह के पाठकों की सूचनार्थ:

इस समूह के पाठकों की सूचनार्थ:
सत्ता परिवर्तन हुआ व्यवस्था व परिवर्तन अभी शेष है केवल मार्ग खुला। शर्म निरपेक्ष लुटेरी सरकार के जाने से परिवर्तन की राह खुली। विकासोन्मुखी, नई सरकार से सहकार तथा समाज और सरकार के बीच तारतम्य बैठने की दृष्टी से, अपने भी कुछ ब्लॉग के नाम, विषय व आकारपट्ट, शीघ्र ही संशोधित किये जा रहे हैं। तथा एक नया 30 वां ब्लॉग 'विकास दर्पण' आरम्भ किया जा रहा है। 
युग दर्पण समाचार पत्र में भी आगामी अंक से सभी मंत्रालयों के समाचारों के लिए अतिरिक्त पृष्ठ 'विकास दर्पण' आरम्भ किये जा रहे हैं।
,"कला वही जो मन को छू ले, विकृत हो तो विकार तुम्हारा | "-तिलक

Friday, May 16, 2014

17, मई 2014 आज 19 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन

17, मई 2014 आज 19 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन 
19 वीं पुण्यतिथि वैशाख कृ तृतीया शनिवार 17 मई 2014 
माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने बच्चों के हर दुःख सुख की साथी, जिसकी गोद हर पीड़ा का हरण करती है। माँ तो बस माँ होती है, बच्चों में उसकी जाँ होती है। बचपन ही नहीं वृद्धावस्था व् जीवन के अंत तक हर पल जब भी तुझे स्मरण करता हूँ भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तेरी याद बहुत आती है, .... अब मेरे दामाद सिद्धार्थ, बहु शालिमा व एक नन्हा नाती अद्विक भी हैं; पर माँ, तेरी याद बहुत आती है।।  तिलक- संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 9911111611, 9910774607, 7531949051,"कला वही जो मन को छू ले, विकृत हो तो विकार तुम्हारा | "-तिलक