मनोज कुमार को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

ज्ञात हो, मनोज कुमार यह नाम सुनते ही देश भक्ति का संचार होने लगता है। जब शहीद, उपकार, पूरब पश्चिम, क्रांति जैसी धारा की फिल्में युवाओं को दिशा दे रही थी, तत्कालीन व्यवस्था ने उनका उचित सम्मान नहीं किया, किन्तु आज जब वे इनसब से किनारा कर गए किन्तु सत्ता परिवर्तन हो गया; तब उनका भी समय का सूर्योदय हुआ, विलम्बित किन्तु उचित सम्मान प्राप्त हुआ।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में 78 वर्षीय मनोज कुमार को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार भारत सरकार की ओर से फिल्म जगत में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है। इसमें स्वर्ण कमल, एक शाल और 10 लाख रुपये की नकद राशि शामिल है। इस अवसर पर अभिनेता मनोज कुमार ने राष्ट्रपति को सांई बाबा की प्रतिमा भेंट की।
इसके अतिरिक्त 'बाहुबली' को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
फिल्म के निर्देशक एसएस राजमोली ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से सम्मान प्राप्त किया। वहीं बाजीराव मस्तानी के लिए संजय लीला भंसाली को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार दिया गया। तन्वी आजमी को बाजीराव मस्तानी में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के लिए बजरंगी भाईजान के निर्देशक कबीर खान को पुरस्कार दिया गया। इसके अतिरिक्त विशाल भारद्वाज को सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया।
,"कला वही जो मन को छू ले,
विकृत हो तो विकार तुम्हारा | "-तिलक http://jeevanmelaadarpan.blogspot.in/2016/05/blog-post.html
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